भारत को इस साल कनाडा में होने वाले G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आधिकारिक निमंत्रण मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को खुद इसकी जानकारी दी।
G7 Summit 2025: भारत को एक बार फिर G-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर आगामी G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने का औपचारिक निमंत्रण दिया। इस बार इस वैश्विक सम्मेलन की मेजबानी कनाडा कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क जे कार्नी से फोन पर बात करके खुशी हुई। हाल के चुनावों में उनकी जीत पर उन्हें बधाई दी और G-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए उनका धन्यवाद किया।
PM मोदी ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए साझा की। उन्होंने लिखा, मुझे प्रधानमंत्री मार्क जे कार्नी का फोन आया। मैंने उन्हें उनकी हालिया चुनावी जीत पर बधाई दी और इस महीने के अंत में होने वाले G-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रण के लिए उनका धन्यवाद किया। भारत और कनाडा दोनों ही जीवंत लोकतंत्र हैं और आपसी सम्मान और साझा हितों के लिए मिलकर काम करने को तैयार हैं। हम इस शिखर सम्मेलन में मिलने के लिए उत्साहित हैं।
जस्टिन ट्रूडो के समय में बिगड़े थे संबंध
इस बातचीत ने उन अटकलों पर विराम लगा दिया है कि भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते संबंधों के कारण इस बार भारत को शिखर सम्मेलन से दूर रखा जा सकता है। आपको बता दें कि 2023 में कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए थे, जिससे दोनों देशों के संबंधों में तीखा तनाव पैदा हो गया था। बाद में आंतरिक विरोध के कारण ट्रूडो को पद छोड़ना पड़ा और अप्रैल 2025 में हुए आम चुनावों में मार्क कार्नी जीतकर प्रधानमंत्री बने। दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के प्रयास
प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही मार्क कार्नी ने संकेत दिया है कि वह भारत और खासकर कनाडाई हिंदू समुदाय के साथ संबंधों को बेहतर बनाना चाहते हैं। जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित करना भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम माना जा रहा है। जी-7 में शामिल हैं ये देश
जी-7 शिखर सम्मेलन दुनिया की सात बड़ी अर्थव्यवस्थाओं- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा- का एक मंच है, जहां जलवायु परिवर्तन, वैश्विक सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और व्यापार जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होती है। पिछले कई सालों से भारत को ‘विशेष अतिथि’ के तौर पर आमंत्रित किया जाता रहा है।
जानिए विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को शिखर सम्मेलन से दूर रखने से जी-7 की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंच सकता था। भारत न केवल उभरती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था है, बल्कि ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज बनकर भी उभरा है। ऐसे में जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत की मौजूदगी वैश्विक संतुलन के लिहाज से काफी अहम मानी जा रही है।