बीकानेर। महाजन फिल्ड फायरिंग रेंज में चल रहे इंडो-अमेरिका सेना का युद्धाभ्यास समापन शनिवार को धमाकेदार अंदाज में हुआ। इस दौरान दोनों सेनाओं के जवानों ने रेलीते धोरों में बनाये गये आंतकी ठिकानों पर लाइव फायरिंग की। वहीं आसमान से अमेरिकी और भारतीय वायुसेनाओं के एयरक्राफ्ट ने उन्हें सटीक जगह पहुंचाया। इसमें अमेरिका का हरक्यूलिस और हलके हेलिकॉप्टर शामिल हुए। इस दौरान दंगों के बाद रोड ओपनिंग ड्रिल, दुश्मन की घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान एयर एक्टिविटीज भी की गई। जमीन से मारक क्षमता बढ़ाने के साथ एयरफोर्स की भी सहायता ली गई। इसके लिए अमरीकी एयरक्राफ्ेट सी-130 हरक्यूलिस, एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर और भारतीय सेना के एमआई-7 के जरिए हवाई प्रैक्टिस भी की गई। साथ ही इन एयरक्राफ्ट के जरिए एयरबोर्न और हेलिबोर्न ऑपरेशन भी किए गए।जमीनी सेना को मजबूत करने के लिए लाइव फायरिंग भी की गई। हाईटेक तोपों से लंबी दूरी की मारक क्षमता का उपयोग कर टारगेट ब्लास्ट किए गए। वेलिडेशन के आखिर में दुश्मन के ठिकानों की घेराबंदी की और तलाशी ली गई। युद्धाभ्यास समापन के दौरान वेलिडेशन एक्सरसाइज आयोजित की गई। यह 72 घंटों से चल रहे काल्पनिक युद्ध का हिस्सा रही। इसमें इन्वेस्टिगेशन चौकी स्थापित करना, रोड ओपनिंग ड्रिल, घेराबंदी-तलाशी अभियान समेत अन्य सैन्य गतिविधियां आयोजित की गई। इस एक्सरसाइज में हेलिकॉप्टर से जल्द से जल्द पहुंचकर टारगेट एरिया में घायल हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
*दो चरणों में हुआ युद्धभ्यास
युद्धभ्यास में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व अमोघ डिवीजन की 9वीं राजपूत रेजिमेंट बटालियन और इन्फेंट्री ब्रिगेड ने किया। जबकि अमेरिकी दल में अलास्का स्थित 1-24 इन्फेंट्री बटालियन और 11वीं एयरबोर्न डिवीजन के जवान शामिल रहे। थार रेगिस्तान के महाजन महाजन रेंज में 1,200 से अधिक जवानों ने हिस्सा लिया। यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया गया था। पहले चरण में, दोनों दलों ने युद्ध अभ्यास और सामरिक प्रशिक्षण पूरा किया। इसमें दोनों देशों की सेनाओं के बीच युद्ध के समय तालमेल को परखा गया। दूसरे चरण में वेलिडेशन का आयोजन हुआ। इसमें जॉइंट ऑपरेशन की अंतिम क?ी के रूप में पेश किया गया।समापन समारोह में आर्मी के जीओसी 16 रैपिड मेजर जनरल एनएस जाखड़ और अमेरिकी सेना के कमांडिंग जनरल 11 एयरबोर्न डिवीजन मेजर जनरल जो हिल्बर्ट ने दोनों देशों के भाग लेने वाले सैनिकों को संबोधित किया।
*हथियार प्रदर्शनी भी हुई
इस कार्यक्रम का समापन एक हथियार और उपकरण प्रदर्शनी के साथ हुआ, जिसमें केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी रूप से निर्मित हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया। युद्ध अभ्यास-24 भारत और अमेरिका के रक्षा साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया और वैश्विक आतंकवाद विरोधी अभियान में योगदान दिया।