भूमिगत जल के अंधाधुंध दोहन से धरती की कोख सूख रही है। भविष्य में इसके भयावह परिणाम भूगर्भीय घटनाओं के रूप में भी देखने को मिलेंगे।
Bikaner Land Sinking : भूमिगत जल के अंधाधुंध दोहन से जमीन की कोख सूख रही है। भविष्य में इसके भयावह परिणाम भूगर्भीय घटनाओं के रूप में भी देखने को मिल सकते हैं। सत्ताईस दिन पहले 15 अप्रैल को सहजरासर गांव की रोही में अचानक जमीन धंसने से 110 फीट गहरा और 200 फीट व्यास का गड्ढा बन गया था। मौका देखकर भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने भूमि धंसने के लिए कम वर्षा के कारण अत्यधिक जल दोहन और भूजल पुनर्भरण की कमी को जिम्मेदार ठहराया है। इससे जमीन खोखली हो गयी और मिट्टी नीचे चली गयी. विस्तृत रिपोर्ट अभी जारी नहीं की गई है.
घटना के बाद पंजाब-हरियाणा और दिल्ली से लोग यहां आ रहे हैं. सहजरासर सरपंच आशादेवी ने बताया कि पंचायत के सहयोग से पास के खेतों से कच्ची सड़क बनाई गई है। बजट मिलने पर गड्ढा भरवा दिया जाएगा और सड़क दोबारा बनवाई जाएगी।
15 अप्रैल: ज़मीन धंसना
16 अप्रैल: पुलिस जाप्ता तैनात
17 अप्रैल: खान एवं भूतत्व विभाग की टीम पहुंची
20 अप्रैल: गड्ढे के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लगाई गई
24 अप्रैल: भारतीय भूमि सर्वेक्षण विभाग की टीम पहुंची
सहजरासर गांव की रोही में 27 दिन पहले जमीन धंसने से 110 फीट गहरा 200 फीट व्यास का गड्ढा बन गया।
भजुल-मौसम विभाग ने कई साक्ष्य जुटाए।
उपखंड अधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि जीएसआई ने मौसम विभाग, भूजल और उपग्रह विभाग से साक्ष्य जुटाए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भूजल रिचार्ज नहीं होने और नीचे की जमीन जटिल नहीं होने के कारण ऊपर की मिट्टी धंस रही है। इसे एक भौगोलिक घटना माना गया। जीएसआई पर विस्तृत रिपोर्ट अभी आनी बाकी है.