Lok Sabha Election 2024: रविवार को जैसलमेर में स्टार प्रचारकों की बैठक राजनीतिक कैलेंडर की एक महत्वपूर्ण घटना थी, जो राजनीतिक दलों की ताकत का प्रदर्शन करती थी।
Lok Sabha Election को लेकर प्रदेश की सबसे हॉट सीट बाडमेर में चुनावी बवंडर मचना शुरू हो गया है. तृकां की आंधी में प्रत्याशियों ने जबरदस्त ताकत झोंक दी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित स्टार प्रचारकों का यहां आना शुरू हो गया है, उनकी उपस्थिति राजनीतिक गतिशीलता को काफी प्रभावित कर रही है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की शनिवार को बालोतरा यात्रा में विभिन्न समुदायों के लोगों के साथ व्यापक बातचीत हुई, जो देर रात 2 बजे तक चली। उन्होंने राज्य मंत्री, विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों से भी फीडबैक लिया। रविवार को दोपहर 10 बजे भीनमाल जाने से पहले सीएम ने जसोल माता राणी भटियाणी मंदिर और नाकोड़ा में पार्श्वनाथ भैरव मंदिर के दर्शन किए. मुख्यमंत्री का यह बाड़मेर लोकसभा का चौथा दौरा था, जो चुनाव में इस क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करता है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे सिवाना
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को सिवाना पहुंचे. यहां उन्होंने चुनावी सभा को संबोधित किया. उन्होंने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि अच्छे दिन छोड़ो और पुराने दिन वापस लाओ. अब भाजपा छापेमारी करो, चंदा दो और व्यापार लो का काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि अब तक राजस्थान में तेरह जगहों पर मतदान हो चुका है, जिनमें से 8 से 9 सीटों पर कांग्रेस जीत रही है. बाडमेर सीट पक्की है. उन्होंने पिछली सरकार की योजनाओं को बंद करने के कांग्रेस सरकार के फैसले पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर मेरी फोटो पर कोई आपत्ति थी तो मोदी जी इसका इस्तेमाल करते. अगर राजीव गांधी के नाम से दिक्कत थी तो अटल जी का नाम ले लेते, योजनाएं क्यों रोकीं? कार्यकर्ताओं से कहा कि 26 तारीख तक पूरी ताकत लगा दें और कांग्रेस को जिताएं.
बाड़मेर में चक्रव्यूह
बाड़मेर में कांग्रेस, बीजेपी और निर्दलियों के बीच घमासान इतना बढ़ गया है कि यह पूरी तरह भूलभुलैया बन गया है. रविवार को बीजेपी ने बाड़मेर में दलीप सिंह राणा उर्फ खली, रिछपाल मिर्धा, कैबिनेट मंत्री अर्जुन मेघवाल, ओंकार सिंह लखावत समेत कई नेताओं की सभाएं आयोजित कीं. इसके जवाब में कांग्रेस ने जिग्नेश मेवाणी को बाड़मेर बुलाया, जहां सीमावर्ती गांवों में उनकी सभाएं हुईं. निर्दलीय प्रत्याशी रवीन्द्र सिंह भाटी भी लगातार अपने तूफानी दौरों में व्यस्त हैं, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई है.