पश्चिम बंगाल के सियासी अखाड़े में अब रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के बीच जंग छिड़ गई है. रक्षा मंत्री ने जहां सीएए कानून को हर कीमत पर लागू करने का ऐलान किया है, वहीं मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए इसे लागू नहीं करने का ऐलान किया है.
पश्चिम बंगाल में चल रहे सियासी संग्राम में अब CAA पर घमासान छिड़ गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जुबानी जंग जारी है. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के जलांगी इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि “सीएए उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो धार्मिक कारणों से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों को छोड़ चुके हैं। ममता बनर्जी और उनकी पार्टी इसका विरोध कर सकती है लेकिन सीएए किसी भी कीमत पर लागू किया जाएगा। यह नेताजी सुभाष चंद्र बोस और चैतन्य महाप्रभु की भूमि है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल धार्मिक तनाव को बढ़ावा दे रहा है।
पश्चिम बंगाल में अराजकता का माहौल है.
उत्तर बंगाल के पड़ोसी बालुरघाट इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा कि वह देश में सीएए लागू नहीं होने देंगी. उन्होंने कहा, ”भाजपा सीएए और एनआरसी को चुनौती देने के मेरे अधिकार पर सवाल उठा रही है। वे कौन होते हैं मुझसे सवाल करने वाले? जब मैंने कहा कि हम सीएए और एनआरसी को लागू नहीं होने देंगे तो मेरा मतलब यही है. उन्होंने असम में एनआरसी लागू करने की कोशिश की, तृणमूल कांग्रेस इसका विरोध करने वाली एकमात्र राजनीतिक पार्टी थी।
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि “भाजपा ने पिछले 10 वर्षों के दौरान केवल देश की संपत्ति बेचने पर ध्यान केंद्रित किया है। आपने देश की संपत्ति बेच दी. आपने देश का इतिहास बदल दिया है. क्या आपने कोई अच्छा काम किया है? आपने मनरेगा के तहत 100 दिन के रोजगार के लिए केंद्र से मिलने वाला पैसा भी बंद कर दिया।”
जानिए क्या है CAA?
CAA यानी नागरिकता संशोधन कानून, इस कानून के तहत तीन पड़ोसी देशों बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता दी जाती है। दिसंबर 2014 से पहले भारत आए छह धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई) को नागरिकता दी जाएगी।