Rajasthan Politics में आज उस समय दिलचस्प नजारा देखने को मिला जब सचिन पायलट पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सिविल लाइंस सरकारी आवास पर पहुंचे।
राजस्थान की राजनीति में आज उस समय दिलचस्प नजारा देखने को मिला जब कांग्रेस नेता और AICC महासचिव सचिन पायलट पहली बार जयपुर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सिविल लाइंस सरकारी आवास पर पहुंचे। आपको बता दें, यह मुलाकात दिवंगत राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए लोगों को आमंत्रित करने के सिलसिले में हुई।
दोनों नेताओं के बीच करीब दो घंटे तक चली इस मुलाकात ने राजस्थान की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।
राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर होगी बैठक
दरअसल, 11 जून को दौसा के पास भंडाना-जीरोता में दिवंगत राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। यह सभा राजेश पायलट स्मारक पर होगी, जहां बड़ी संख्या में लोग अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे। इस अवसर पर सचिन पायलट, उनकी मां रमा पायलट और पायलट परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कांग्रेस के कई प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। इस बार 25वीं पुण्यतिथि होने के कारण यह आयोजन खास होगा।
बता दें, राजेश पायलट की 25 साल पहले दौसा-जयपुर मार्ग पर भंडाना में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। दौसा पायलट परिवार की कर्मभूमि और चुनावी क्षेत्र रहा है, जहां से राजेश पायलट लंबे समय तक सांसद रहे। उन्होंने केंद्र में गृह राज्य मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उनका प्रसिद्ध नारा ‘राम राम सा’ आज भी लोगों के दिलों में गूंजता है।
AICC महासचिव श्री @SachinPilot ने आवास पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. श्री राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 7, 2025
मैं और राजेश पायलट जी 1980 में पहली बार एक साथ ही लोकसभा पहुंचे एवं लगभग 18 साल तक साथ में सांसद रहे। उनके आकस्मिक निधन का दुख हमें… pic.twitter.com/GPLuXMtLKw
बैठक के बाद क्या बोले गहलोत?
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बैठक के बाद कहा कि एआईसीसी महासचिव सचिन पायलट ने उन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय श्री राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के लिए निवास पर आमंत्रित किया। राजेश पायलट और मैं 1980 में पहली बार एक साथ लोकसभा पहुंचे और करीब 18 साल तक एक साथ सांसद रहे। उनके अचानक निधन से हम आज भी दुखी हैं। उनके जाने से पार्टी को भी गहरा सदमा लगा।
दोनों के बीच लंबे समय से चल रहा राजनीतिक तनाव
गौरतलब है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबे समय से राजनीतिक तनाव चल रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में जब सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, तब कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया था। इसके बाद डेढ़ साल के अंदर ही दोनों नेताओं के बीच मतभेद गहरा गए।
वहीं, राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर हर साल भंडाना में होने वाले कार्यक्रम में आमतौर पर अशोक गहलोत और उनके समर्थक शामिल नहीं होते हैं। लेकिन इस बार सचिन पायलट के निमंत्रण और गहलोत के आवास पर मुलाकात के बाद इस कार्यक्रम पर सभी की निगाहें रहेंगी। इस मुलाकात को राजस्थान कांग्रेस में एकजुटता के संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस मुलाकात से दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक दूरियां कम होंगी।