बीकानेर। महाजन फिल्ड फायरिंग रेंज में चल रहे इंडो-अमेरिका सैन्य युद्धाभ्यास में धमाकों के बीच उठते रेत के गुब्बार ग्रामीणों को रोमांचित कर रहे है। जानकारी में रहे कि दोनों सेनाओं का यह बीसवां युद्धाभ्यास है,नौ सितंबर को शुरू हुआ था। 22 सितम्बर तक चलने वाले इस अभ्यास में दोनों सेनाओं के यौद्धा अपना दमखम दिखा रहे है। युद्धाभ्यास में अब आगामी तीन दिन जमकर गोलाबारी होगी। जिसमें दोनों सेनाए आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर संयुक्त अभ्यास करेगें। खास बात तो यह है कि इस युद्धाभ्यास में महिला सैनिक भी हिस्सा ले रही हैं। वहीं अमेरिकी सेना के 600 जवान भारतीय सैनिकों के साथ रेगिस्तानी इलाकों में युद्ध का अभ्यास कर रहे हैं। दोनों देश साथ मिलकर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने के मिशन पर काम कर रहे हैं। दोनों देश टैंक, राइफल लेकर मैदान में उतरेंगे। यहां आतंकी ठिकानों को बमों से उड़ाने प्रैक्टिस करेंगे। दुश्मन के नजदीक जाकर छुरे से उसका सीना चीर देने की एक्सरसाइज करेंगे। इस दौरान दोनों सेनाएं आपसी तालमेल का भी प्रदर्शन करेंगी। यह मिशन आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए आयोजित किया जाएगा। फिल्ड फायरिंग रेंज में चल रहे इस युद्धाभ्यास में पिछले करीब नो दिनों से धूंआधार अंदाज में फायरिंग की प्रेक्टिस चल रही है। इस दौरान कभी तोप से हमला करना तो कभी राइफल लेकर धोरों में दौडऩे की प्रैक्टिस चल रही है। दोनों सेनाओं के जवान एक दूसरे के हथियारों की परख कर रहे है। वहीं भारतीय जवान अमेरिका के हाई मोबिलिटी रॉकेट तकनीक को समझ रहे हैं। हाल ही में यूक्रेन-रूस के समय अमेरिकी जवानों ने यूक्रेन के लिए इस रॉकेट का उपयोग किया था। करीब &10 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ये रॉकेट तकनीक कैसे काम करती है, इसका भी प्रशिक्षण लिया जा रहा है। 21 सितम्बर को इसका प्रदर्शन करने की तैयारी हो रही है
