नागौर, 20 सितंबर। विश्व ओजोन दिवस 2024 के मौके पर क्षेत्रीय कार्यालय, रा.प्र.नि.म. नागौर की ओर से ओजोन परत एवं पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। विश्व ओजोन दिवस 2024 के उपलक्ष पर ओजोन परत एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन में जागरूकता को बढ़ाने के लिए शुक्रवार को पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, राठौड़ी कुआं में विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे प्रश्नोत्तरी, निबन्ध लेखन एवं चित्रकला का आयोजन कनिष्ठ स्तर (कक्षा 6 से 8) एवं वरिष्ठ स्तर (9 से 12 तक) पर क्षेत्रीय कार्यालय, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल द्वारा किया तथा इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए नागौर के समस्त राजकीय विद्यालयों की प्रतिभाओं को विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कार व प्रशस्ति पत्र वितरित किए गए।
इस कार्यक्रम में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, नागौर के क्षेत्रीय अधिकारी सचिन कुमार ने विद्यार्थियों को पर्यावरण व ओजोन परत के महत्व, ओजोन परत को मानवीय गतिविधियों से होने वाले नुकसान व उसके संरक्षण हेतु किये जा सकने वाले विभिन्न उपायों की जानकारी परस्पर साझा करते हुए विद्यार्थियों को अधिकाधिक पौधरोपण करने एवं उनके पालन हेतु प्रेरित किया।
इस प्रकार रहे प्रतियोगिताओं के परिणाम
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में वरिष्ठ स्तर पर सानिया प्रथम, अंजली सांखला द्वितीय, नेहा पारीक व शांति साझा रूप से तृतीय रहें तथा कनिष्ठ स्तर पर तमन्ना प्रथम, जयश्री द्वितीय एवं मोनिका चौहान तृतीय रहे। निबंध प्रतियोगिता में वरिष्ठ स्तर पर मोनिका प्रथम, आरती द्वितीय व श्रीकिशन तृतीय रहें तथा कनिष्ठ स्तर पर जयश्री प्रथम, किशन द्वितीय एवं तमन्ना तृतीय रहे। चित्रकला प्रतियोगिता में वरिष्ठ स्तर पर हर्षिता प्रजापत प्रथम, जसोदा द्वितीय व योगिता तृतीय रहें तथा कनिष्ठ स्तर पर नरगिस प्रथम, पलक रांकावत द्वितीय एवं किशन तृतीय रहे।
कार्यक्रम के दौरान पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, राठौड़ी कुआं के प्रधानाचार्य जेठाराम बागड़िया, उप-प्रधानाचार्य संगीता भाटी, रा.प्र.नि.म. के सहायक पर्यावरण अभियंता तेजराज गौड़, कनिष्ठ पर्यावरण अभियंता नरेन्द्र कामड़, हेमन्त कुमार एवं कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी सार्थक तिवाड़ी आदि उपस्थित रहें।
विभिन्न प्रतियोगिता में महेश, महादेव, रमेश, पूनमबाला, सरोज चौधरी, जया गौड़, मुकेश भार्गव, विनोद सांखला, प्रदलाद लोमरोड़ एवं बसन्ती निर्णायक रहे।